Mahakal Mandir Ujjain : उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर मंदिर ( Mahakaleshwar Temple ) के बारे में कौन नहीं जानता है। इस मंदिर को 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। विश्व में महाशिवरात्रि ( Mahashivratri ) का पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। बाबा के जयकारे हर तरफ से सुनाई देते हैं। ऐसे ही महाशिवरात्रि के दिन उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर मंदिर में बाब के दर्शन करना भाग्य की बात माना जाता है। मान्यता है कि दक्षिणामुखी मृत्युंजय भगवान श्री महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में विराजमान होकर सृष्टि का संचार करते हैं। पृथ्वी के नाभि में विराजे हैं उज्जैन के श्री महाकालेश्वर, जानिए महाकाल के बारे में रोचक बातें
ऐसे ही महाशिवरात्रि के दिन उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर मंदिर में बाब के दर्शन करना भाग्य की बात माना जाता है। मध्यप्रदेश के हृदय स्थल में स्थित है तीर्थ भूमि उज्जैन। माना जाता है कि उज्जैन पांच हजार साल पुराना नगर माना जाता है। इसे अवंती, अवंतिका, उज्जयिनी, विशाला, नंदिनी, अमरावती, पद्मावती, प्रतिकल्पा, कुशस्थली जैसे नामों से जाना जाता है।
उज्जैन में दर्शन करने या घूमने के मंदिर और स्थान ( Temples and places to visit in Ujjain )
श्री महाकालेश्वर मंदिर ( Mahakal Mandir )
उज्जयिनी के श्री महाकालेश्वर भारत में बारह प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं। महाकालेश्वर मंदिर की महिमा का विभिन्न पुराणों में विशद वर्णन किया गया है। कालिदास से शुरू करते हुए, कई संस्कृत कवियों ने इस मंदिर को भावनात्मक रूप से समृद्ध किया है। उज्जैन भारतीय समय की गणना के लिए केंद्रीय बिंदु हुआ करता था और महाकाल को उज्जैन का विशिष्ट पीठासीन देवता माना जाता था।
समय के देवता, शिव अपने सभी वैभव में, उज्जैन में शाश्वत शासन करते हैं। महाकालेश्वर का मंदिर, इसका शिखर आसमान में चढ़ता है, आकाश के खिलाफ एक भव्य अग्रभाग, अपनी भव्यता के साथ आदिकालीन विस्मय और श्रद्धा को उजागर करता है। महाकाल शहर और उसके लोगों के जीवन पर हावी है, यहां तक कि आधुनिक व्यस्तताओं के व्यस्त दिनचर्या के बीच भी, और पिछली परंपराओं के साथ एक अटूट लिंक प्रदान करता है।
भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक, महाकाल में लिंगम (स्वयं से पैदा हुआ), स्वयं के भीतर से शक्ति (शक्ति) को प्राप्त करने के लिए माना जाता है, अन्य छवियों और लिंगों के खिलाफ, जो औपचारिक रूप से स्थापित हैं और मंत्र के साथ निवेश किए जाते हैं- शक्ति। महाकालेश्वर की मूर्ति दक्षिणमुखी होने के कारण दक्षिणामूर्ति मानी जाती है। यह एक अनूठी विशेषता है, जिसे तांत्रिक परंपरा द्वारा केवल 12 ज्योतिर्लिंगों में से महाकालेश्वर में पाया जाता है।
महाकाल मंदिर के ऊपर गर्भगृह में ओंकारेश्वर शिव की मूर्ति प्रतिष्ठित है। गर्भगृह के पश्चिम, उत्तर और पूर्व में गणेश, पार्वती और कार्तिकेय के चित्र स्थापित हैं। दक्षिण में नंदी की प्रतिमा है। तीसरी मंजिल पर नागचंद्रेश्वर की मूर्ति केवल नागपंचमी के दिन दर्शन के लिए खुली होती है। महाशिवरात्रि के दिन, मंदिर के पास एक विशाल मेला लगता है, और रात में पूजा होती है।
बडे गणेश मंदिर ( Bade ganesh mandir ujjain )
महाकालेश्वर मंदिर के निकट गणेश जी की विशाल मूर्ति है। यह मूर्ति आधुनिक व आकर्षक है। गणेश जी के पास ही पंचमुखी हनुमान जी की सप्तधातु निर्मित मूर्ति भी है।
श्री चिंतामन गणेश मंदिर ( Shri Chintaman Ganesh Temple, Ujjain )
उज्जैन शहर से 7 कि.मी. दूरी पर चिंतामण गणेश मंदिर ( 7 km from Ujjain city. Chintaman Ganesh Temple in the distance ) है। यह स्थान उज्जैन से फतेहाबाद रेलवे लाइन पर है, यहां पर सड़क मार्ग से भी पंहुचा जा सकता है। यहां स्थित गणेश मूर्ति को स्वयंभू बताया गया है। यह मूर्ति अति प्रचिन है चैत्र मास में यहां प्रत्येक बुधवार को दर्शनार्थियों की बहुत भीड़ रहती है। मान्यता है कि इनके दर्शन से इच्छा पूर्ण होती है, चिंता का करण होता है। विवाह की आमंत्रण पत्रिका सर्वप्रथम चिंतामण गणेश की सेवा में ही भेंट करने की यहां विशेष परम्परा है।
हरसिद्धि मंदिर ( Shree Harsiddhi Mata Shaktipeeth Temple )
यह देवी राजा विक्रमादित्य की आराध्य देवी है। उज्जैन के प्राचीन एवं पवित्र स्थानों में हरसिद्धि का विशेष महत्व है। यह मंदिर चौरासी सिद्धपीठों में से एक है। शिवपुराण के अनुसार सती की कोहनी यहीं पर गिरी थी। स्कन्दपुराण के अनुसार प्राचीनकाल में चण्डमुण्ड नामक दो दैत्यों ने सारे देश पर आतंक मचा रखा था। दोनों दानवों ने कैलाश पर्वत पर जाकर उत्पात मचाना शुरू किया।
शिव ने नन्दी और गणों को भेजा परन्तु दानवों ने उन्हें घायल कर दिया। शिव ने यह देखकर चंडी का स्मरा किया। देवी के प्रगट होते ही शिव ने दोनों दानवों का वध करने का आदेश दिया और आदेशानुसार देवी ने दोनों दानवों का वध कर दिया, तब शिव ने प्रसन्नता से कहा हरस्तामाह हे चण्डी संहृतौ दुष्ट दानवौ।
हरसिद्धि तो लोके नाम्ना ख्यातिं गगिष्यति।। हे चण्डी, तुमने इन दुष्टों का वध किया है अत: समस्त लोक में तुम्हारा हरसिद्धि नाम प्रचलित होगा। इस मंदिर के चारों ओर चार द्वार हैं। प्रमुख प्रवेश द्वार पूर्व दिशा में है। दक्षिण में एक बावड़ी है बावड़ी के ऊपर एक स्तंभ पर संवत् 1947 अंकित है। मंदिर में अन्नपूर्णा देवी की मूर्ति है। नित्य दुर्गा पाठ होता है। मंदिर के सामने दो ऊँचे तथा विशाल स्तंभ है, जिनकी दीप संख्या 726 है। नवरात्रि के समय जलते हुए दीपकों को दृश्य देखते ही बनता है।
सिद्धवट उज्जैन ( Siddhavat Ghat )
यह स्थान उज्जैन शहर से 5 कि.मी. दूरी पर क्षिप्रा तट पर स्थित है ( This place is 5 km from Ujjain city. Located on the Kshipra coast at a distance )। यह एक प्रसिद्ध सिद्ध स्थल है। इसे पापमोचन तीर्थ की संज्ञा भी दी गई है। यहां पर स्थित सिद्धवट माता पार्वती ने लगाया था व उसका पूजन भी किया था, ऐसी पुराणों में मान्यता है यह स्थान प्रयाग और गया के अक्षयवट, मथुरा, वृन्दावन के बंशीवट तथा नासिक के पंचवटी के समान ही प्रसिद्ध है।
नाथ सम्प्रदाय के साधुओं द्वारा भी यहां पूजा की जाती है। यहां भगवान शंकर की मूर्ति भी है। पुराणों में मान्यता है कि कुछ हिन्दू विरोधी लोगो ने इस वृक्ष को जड़ से काटकर उसके तने पर लोहे की चादर को चढ़ा दिया था जिससे कि यह वृक्ष पुन: पनप नहीं सके परन्तु र्इश्वर कृपा से उस लोहे की पर्त को फाडते हुए उस वृक्ष के तने बाहर आ गये। यहां पर श्राद्ध, पिंड, तर्पण, पिंडदान, कालसर्प शांति एवं त्रिपिंडी श्राद्ध करने का विशेष महत्व बताया गया है। यहां पर यात्रियों की सुविधा हेतु विश्रामगृह एवं भोजनशाला का निर्माण भी कराया गया है।
काल भैरव मंदिर उज्जैन ( Shree Kaal Bhairav Mandir, Ujjain )
काल भैरव मंदिर उज्जैन महाकाल मंदिर से 4 कि.मी. दूरी पर क्षिप्रा तटा पर स्थित ( Kaal Bhairav Temple Ujjain is 4 km from Mahakal Temple. situated on the banks of Kshipra at a distance ) अति प्राचीन मंदिर है। शैव मतों के आठ प्रसिद्ध भैरवों में से यह एक है यहां भैरव को शराब का भोग लगाया जाता है। यह मंदिर कापालिक व औघड़ सम्प्रदाय के अनुयायियों हेतु विशेष महत्व रखता है।
सांदीपनि आश्रम
शहर से 05 कि.मी. दूर मंगलनाथ रोड़ पर सांदीपनि आश्रम है। भगवान कृष्ण तथा सुदामा ने इसी आश्रम में विद्याध्ययन किया था। यहां गोमती सरोवर नामक कुण्ड है, एक उपवन भी है जिसमें महर्षि सांदीपनि की गद्दी है। महर्षि सांदीपनि की मूर्ति के साथ-साथ श्रीकृष्ण बलराम व सुदामा की मूर्तियां भी हैं। यहां श्री वल्लभचार्य की चौरासी बैठकों में तिहत्तरवीं बैठक है। पास ही विष्णु सागर है। इस स्थान को अंकपात कहते है। क्योंकि यहां श्री कृष्ण भगवान के पाद अर्थात चरणों का अंकन है। एक मान्यता के अनुसार भगवान कृष्ण एक स्थान पर सरोवर में अपनी सारी पट्टी पर लिखे अंक धोते थे। इस कारण भी इस स्थान को अंकपात करते है।
इस्कॉन मंदिर
उज्जैन भारत के प्रमुख हिंदू तीर्थस्थलों में से एक है। इस्कॉन मंदिर जो मध्य प्रदेश के उज्जैन ज़िले में नानाखेड़ा बस स्टैंड के पास स्थित है।उज्जैन का धार्मिक महत्व यह भी है कि यहाँ भगवान श्री कृष्ण और उनके भाई बलराम ने गुरु संदीपनी आश्रम में अध्ययन किया था। अधिक जानकारी के लिए कृपया वेबसाइट https://iskconujjain.com/ पर संपर्क करे |
गडकालिका मंदिर
मंगलनाथ गोपाल मंदिर
क्षिप्रा नदी के किनारे शहर से 5 कि.मी. दूरी पर स्थित यह मंदिर मंगल ग्रह की उत्पत्ति का स्थल है ऐसा मत्स्य पुराण में लिखा है। मंगलवार के दिन यहां विशेष पूजा अर्चना होती है व दर्शनार्थियों की बहुत भीड़ रहती है। कार्यसिद्धि हेतु मानता के रूप में मंगललिंग के पूजन का विशेष महत्व है।
नवग्रह मंदिर (त्रिवेणी)
शहर से 5 कि.मी. दूरी पर त्रिवेणी संगम है। यह स्थान उज्जैन इंदौर रोड़ पर स्थित है, यहां नवग्रहों की प्राचीन मूर्तियां हैं। प्रति शनिश्री अमावस्या को यहां स्नान हेतु तीर्थयात्रियों की बहुत भीड़ रहती है एवं स्नान के बाद शनि मंदिर व नवग्रहों के दर्शन करते हैं। अधिकतर श्रद्धालु पुराने वस्त्र एवं पनौती (चप्पल-जूते) यहीं छोड़ जाते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से शनि का कुप्रभाव कम हो जाता है।
चौबीस खंबा मंदिर
महाकाल के पास ही पटनी बाजर जाते समय बीच रास्ते यह मंदिर स्थित है इसमें 24 खंभे हैं, अत: इसे चौबीस खम्भा कहते है, यह द्वार अत्यन्त प्राचीन है, द्वार के दोनों और महामाया एवं महालया देवी की मूर्तियाँ हैं। इसे भद्रकाली का स्थान भी कहते हैं।
नगरकोट की रानी
यह उज्जैन शहर के दक्षिण पश्चिम कोने की सुरक्षा देवी है। यह स्थान पुरातत्व की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। यह स्थान पुरातत्व की परम्परा से भी जुडा है। यहां नाथ सम्प्रदाय की परम्परा है। मंदिर के सामने एक कुंड है जो परमारकालीन है। कुंड के दोनों ओर दो छोटे मंदिर है। एक मंदिर में कार्तिकेय की मूर्ति है। यह स्थान नगर के प्राचीन परकोटे पर स्थित है इसलिये इसे नगरकोट की रानी कहते हैं।
राम-जनार्दन मंदिर
अंकपात के पश्चिम में सांदीपनि आश्रम के पीछे विष्णुसागर है। इसके पास ही श्री रामजनार्दन मंदिर है। यह अत्यन्त मनोहर एवं रमणीय स्थान है। यह एक दर्शनीय पर्यटन स्थल है। यहां दो मंदिर हैं। एक मंदिर में श्रीराम लक्ष्मण व सीताजी की प्रतिमाएँ हैं तथा दूसरे मंदिर में जनार्दन विष्णु की प्रतिमाएँ है। इसका निर्माण 17 वीं शताब्दी में मिर्जा राज जयसिंह द्वारा कराया गया था। मंदिरों के सामने एक विशाल कुण्ड है। पास में ही श्री चित्रगुप्त व धर्मराज के मंदिर है।
वेद शाला (वेधशाला)
जंतर-मंतर तथा यंत्रमहल के नाम से जानी जाने वाली वैधशाला शहर से 01 कि.मी. की दूरी पर क्षिप्रा तट पर स्थित है। ज्योतिषशास्त्र की दृष्टि से यह ऐतिहासिक महत्व का स्थान है। लगभग 300 वर्ष पूर्व राजा जयसिंह ने यह यंत्रमहल बनवाया था। ग्रहों का गणित यथार्थ होना चाहिये ऐसी उनकी मंशा थी। इस कारण उन्होनें उज्जैन के अतिरिक्त जयपुर, काशी, दिल्ली व मथुरा में वैधशालाएँ बनवाई।
पहले उज्जैन की वैधशाला में चार प्रमुख यंत्र थे। (1) सम्राट यंत्र, (2) नाड़ीवलय यंत्र, (3) भित्तियंत्र, (4) दिगंश यंत्र। बाद में पांचवा यंत्र शंकु यंत्र लगाया गया है। सम्राट यंत्र द्वारा सूर्य घड़ी से प्राप्त स्थानीय समय को एक सारणी द्वारा स्टेण्डर्ड समय में बदला जाता है। वैधशाला में दिगंश यंत्र से ग्रह नक्षत्रों के दिगंश प्राप्त किये जाते हैं। यहां पंचागं निर्माण के साथ-साथ प्राचीन कलाकृति का भी ज्ञान प्रदान किया जाता है।
महाकालेश्वर उज्जैन घूमने का सबसे अच्छा समय -Best Time To Visit Mahakaleshwar Ujjain In Hindi
महाकालेश्वर, उज्जैन के सबसे खास तीर्थ स्थानों में से एक है। यह जगह श्रद्धालुओं के साथ यहां आने वाले पर्यटकों को भी आकर्षित करती है। अगर आप भी महाकालेश्वर या उज्जैन घूमने जाने का प्लान बना रहे हैं तो आपको बता दें कि आपके लिए यहां आप 12 महीनों जा सकते है, यह गर्मी, बारिश, सर्दी सभी मौसम सामान्य रहते है।
13. महाकालेश्वर उज्जैन कैसे पहुंचे – How To Reach Ujjain In Hindi
अगर आप उज्जैन या महाकालेश्वर जाने की योजना बना रहे हैं और आप जानना चाहते हैं कि यहां कैसे पहुंचे तो आपको इसके बारे में ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है, यहां हम आपको इसके बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं। बता दें कि उज्जैन भारत के सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। इसलिए आपको यहां तक आने के लिए भारत के सभी बड़े शहर दिल्ली, मुंबई या कोलकाता से साधन मिल जायेंगे।
14. महाकालेश्वर उज्जैन हवाई जहाज से कैसे पहुंचे – How To Reach Ujjain By Air In Hindi
अगर आप महाकालेश्वर उज्जैन हवाई जाहज की सहायता से जाना चाहते हैं तो बता दें कि इंदौर में महारानी अहिल्या बाई होल्कर एअरपोर्ट उज्जैन का सबसे निकटतम हवाई अड्डा है। इंदौर के लिए आपको देश के सभी बड़े शहर मुंबई, कोलकाता, दिल्ली, भोपाल और अहमदाबाद से फ्लाइट मिल जाएगी। यहां पहुंचने के बाद आपको उज्जैन तक जाने के लिए कोई भी टैक्सी, बस या कैब मिल जाएगी। महारानी अहिल्या बाई होल्कर से महाकालेश्वर की दूरी 55 किलोमटर है, जिसमे आपको 40 मिनट का समय लगेगा।
15. महाकालेश्वर उज्जैन रेल से कैसे पहुंचे – How To Reach Ujjain By Rail In Hindi
अगर आप महाकालेश्वर उज्जैन के लिए रेल से यात्रा करने का प्लान बना रहे हैं तो बता दे कि उज्जैन शहर में उज्जैन सिटी जंक्शन, विक्रम नगर और चिंतामन (मीटर गेज) मुख्य रूप से तीन प्रमुख रेलवे स्टेशन हैं। यहां कई ट्रेन नियमित आती हैं जो भारत के महत्वपूर्ण शहरों से उज्जैन को जोड़ती हैं।
16. सड़क मार्ग से उज्जैन कैसे पहुंचे – How To Reach Ujjain By Road In Hindi
अगर आप उज्जैन बस या सड़क मार्ग से आना चाहते हैं तो जान लें कि उज्जैन में प्रमुख बस स्टेशन देवास गेट और नानाखेड़ा हैं। अगर आप अपने निजी वाहन से यात्रा करना चाहते हैं तो बता दें कि उज्जैन से भारत को मुख्य शहरों से जोड़ने वाली सड़कें आगर रोड, इंदौर रोड, देवास रोड, मक्सी रोड और बड़नगर रोड हैं। इन सड़कों में कई निजी बस चलती हैं। आप अपने वाहन से भी इन्ही सड़कों की सहायता से उज्जैन आ सकते हैं।
यह खबरें भी पढ़ें : श्रीराम स्तुति : श्री राम चंद्र कृपालु भजमन
FAQs & Tags :
chintaman ganesh temple, ujjain timings
chintaman ganesh ujjain history
mahakaleshwar temple to chintaman ganesh ujjain distance
famous ganesh temple in ujjain
chintaman ganesh temple ujjain history in hindi
chintaman ganesh railway station
chintamani ganesh temple pune, maharashtr
हरसिद्धि माता का मंदिर कहां है
हरसिद्धि माता बीज मंत्
Harsiddhi mandir ujjain aarti timings
harsiddhi mata mandir ujjain history
shree harsiddhi mata shaktipeeth temple timings
mahakaleshwar to harsiddhi mata mandir distance
harsiddhi mata ujjain booking
harsiddhi temple, ujjain wikipedia
mahakaleshwar ujjain to harsiddhi mata mandir ujjain
harsiddhi mata temple porbandar
मंगलनाथ मंदिर उज्जैन
siddhavat ujjain story in english
उज्जैन में सबसे पहले किस मंदिर में जाना चाहिए?
उज्जैन में क्या क्या घूम सकते हैं?
महाकाल का टिकट कितने का है?
उज्जैन में घूमने के लिए कितने स्थान हैं?
उज्जैन में रात क्यों नहीं रुकता
उज्जैन में घूमने की जगह कौन-कौन सी है
उज्जैन में टोटल कितने मंदिर हैं
places to visit in ujjain other than temples
places to visit in ujjain for couples
mahakaleshwar temple ujjain history
indore to ujjain train ticket price
Indore to ujjain distance
indore to ujjain train ticket price general
indore to ujjain chartered bus
indore to ujjain bus ticket price
indore to ujjain bus morning time
indore to ujjain bus contact number
indore to ujjain chartered bus ticket price
indore to ujjain bus from vijay nagar
indore to ujjain taxi distance
Indore to ujjain taxi rates
indore to ujjain taxi round trip
Bhopal to ujjain distance by road
bhopal to ujjain distance by flight
bhopal to omkareshwar distance
ujjain to omkareshwar jyotirlinga bus
ujjain to omkareshwar mp tourism bus
ujjain to omkareshwar taxi fare
ujjain to omkareshwar distance by bus
ujjain to omkareshwar government bus
indore to omkareshwar jyotirlinga distance
indore to omkareshwar distance by bus
indore to omkareshwar roadways bus
mpsrtc bus from indore to omkareshwar
indore to omkareshwar bus timings
इंदौर से उज्जैन बस किराया
इंदौर से उज्जैन मेमू ट्रेन
भोपाल से उज्जैन कितने किलोमीटर है
इंदौर से महाकालेश्वर की दूरी
इंदौर से उज्जैन जाने का रास्ता
उज्जैन से इंदौर ट्रेन टाइम
उज्जैन से इंदौर के लिए ट्रेन
उज्जैन कितना किलोमीटर है
indore se ujjain kitne kilometre hai
indore to ujjain train ticket price
indore to ujjain mahakaleshwar distance
indore to ujjain train time table
इंदौर से उज्जैन बस
indore to ujjain memu train ticket price
इंदौर से उज्जैन जाने का रास्ता
इंदौर से उज्जैन बस किराया